Wednesday, March 26, 2025

इक तस्वीर हमारी

"उस मुलाकात में, 
जब पुछा मैंने हाल ?

कहती, याद आती है
आज भी तुम्हारी"

फिर कुछ ना कहा सुन कर 

"गर कभी याद आ जाए 
तो जला देना, इक तस्वीर हमारी

तुम्हे सुकून आ जाए
तो कर देना, बखूब तारीफ हमारी

क्यों बेचैन होती हो
होनी थी, हो गई 

इक खास बात, मेरी तुम्हारी 
इस चकाचौंध में कही, खो गई

खत्म हो भी जाए तस्वीरें तो क्या
टटोल ना दिल, मिलेंगी कई सारी

किसे जलाओगी ? हाथ कुछ तो हो
छोडो बताओ, जहां हो, खुश तो हो?"

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