Saturday, March 6, 2021

डाफ़ाचूक (confused) मेवाडी भाषा में एक कोशिश

मालण पोए मोगरा, वी गजरा री ठाठ
कमल, हजारी ढुंढता, जो मैं किदी वात

पुछे मने अचान चुंक, कंणिने पेराओगा
पुजारी हो प्रेम रा, या मिंदर ही ले जाओगा

डबका खाता संपट लेता, हमजियो वंडी वात
देदे मोगरा संग गुलाब, पंखुड़ी रखजे हात

काठो मन, कर हिम्मत, जद किदो मै हिसाब
मुक, उतरी सुरत मारी, नी हो कोई जवाब

बोली मीठा कंठ ऊं पाछी, हुणों मने भी ले जाओगा
आगे जगदी चौक फिरा, पाछा ले आओगा

जो हां कहूं, के ना कहूं, भोलो मुं पुजारी
पडीको मेल थेला मे निकलियो, 
वा पगली गोता खारी


कश्यप द्विवेदी
मुसाफिर

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