Monday, March 26, 2012

सपनो का दरिया..........

दरिया दरिया .... दुनिया को जोड़े रखने का प्यारा सा जरिया ....  

मंजिल मिली ... याराना मिला .... हर पल एक नयी सोच वाला बेहतरीन ज़माना मिला  ...  

सपना जो मैंने देखा ,,, था वो बड़ा अनोखा  ..... 

देख मुसाफिर  देख ये कोई धोका नहीं ...ये तो है एक प्यारी सी  हवा का झोंका ... 

समंदर के इस जहाँ में बहुत दूर तक जाना है ... सोची हुई हर चीज़ को अपने दम पे पाना है ... 

ए समंदर न भूल , ऊँचा खुला आसमान भी अपनी सुबहो शाम तुझे छु कर पूरी करता है....  

उसी तरह ये मुसाफिर अपनी हर मुराद तुझसे रूबरू  करता है ....  

चल चला चल ए- मुसाफिर , तेरी राह ये दरिया है ,,, 

खुले आसमान में खूब उड़ लिए ... गहराई में जाने का ये ही एक जरिया है .............















                                                                    
                                                                                          मुसाफिर (kashlogi)

No comments:

Post a Comment